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________________ यदि मनुष्य चिंताग्रस्त है तो उसका पेट एक विशेष प्रकार की कसावट में आ जाता है। परिणामस्वरूप चिंतित व्यक्ति को भूख कम लगती है। भय और चिंता से पेट में अल्सर होने की संभावना भी रहती है। छोटी आंत, बड़ी आंत, आमाशय, किडनी सब कुछ प्रभावित होती हैं चिंता से। चिंता का दुष्परिणाम : सबकी नींद हराम आज की तारीख में चिंता ने जो सबसे गहरा दुष्परिणाम दिया है वह है- 'लोगों की नींद हराम करना।' पहले चिंता के कारण नींद नहीं आती और फिर नींद न आने की चिंता बढ़नी शुरू हो जाती है। हमारे यहाँ संबोधिसाधना शिविर में कई साधक ऐसे आते हैं जो अनिद्रा-रोग के शिकार होते हैं। वर्षों तक दवाइयाँ खा लेने के बावजूद वे इस रोग को मिटा नहीं पाते लेकिन सात दिन का साधना शिविर उन्हें आश्चर्यजनक परिणाम देता है और वे नींद की गोली खाये बगैर ही बेहद आराम से सोते हैं क्योंकि नींद न आने के जो भी कारण थे, वे साधना से स्वतः ही मिट जाते हैं। अनिद्रा के कई कारण हो सकते हैं पर सबसे बड़ा कारण है भय और चिंता। किसी डॉक्टर ने एक मेडिकल केस में कागजों की हेराफेरी कर दी। संयोग से अगले दिन अखबार में इस बात की हल्की-सी आशंका की न्युज आ गई। बस हो गयी. उसकी नींद हराम! कागजों को वापस सही करना उसके हाथ में नहीं था और मन में भय फँसा रहता था कि कहीं पुलिस को इस धोखाधड़ी की खबर न लग जाए। डॉक्टर जो अब तक लोगों का इलाज करता रहा, वह अपने ही मनोमस्तिष्क में पनपी हुई चिंता के कारण अनिद्रा का शिकार हो गया। एक बहिन ने मुझे बताया कि वह कई वर्षों से अनिद्रा की शिकार है। देश में कई मनोचिकित्सकों से वह अपना उपचार करवा चुकी है। स्पष्ट तौर पर उसके मन में किसी प्रकार की चिंता और तनाव भी नहीं है। उसके जीवन में सारी सुख-सुविधाएँ हैं। थोड़े दिन बाद मुझे ज्ञात हुआ कि उसकी जेठानी से उसकी काफी अनबन रही। दोनों वर्षों तक साथ रहीं लेकिन एक दूजे को तनाव देने के अलावा उन्होंने कुछ भी नहीं किया। वर्षों तक ऐसा ही चलता रहा। परिणामस्वरूप अलग हो जाने के बाद भी उसने मेरे साथ ऐसा क्यों 38 For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.003878
Book TitleKaise Sulzaye Man ki Ulzan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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