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________________ से परहेज़ रखें, जो हमारे लिए अशांति का निमित्त बनते हों। किसी कार्य में असफल हो जाने पर खिन्न और दुःखी होने की बजाय उन त्रुटियों और कारणों को तलाशें, जिनके चलते हम सफल होने से चूक गए। असफल भला कौन नहीं होता ! सच्चा सफल वही है, जो हर दिन और कार्य की शुरुआत सदा नए उत्साह, उमंग और आत्मविश्वास के साथ करता है ध्यान रखें, हम कभी किसी बुरे व्यसन से न घिर जाएं। देर रात तक घर से बाहर न रहें, घर वालों को आपकी प्रतीक्षा है । समय पर जाएं, समय पर आएं। घर आने पर परिवार की हंसी-खुशी में ऐसे घुल-मिल जाएं मानो बूंद सागर में समा गई हो । नैतिक शिक्षा के पचीस सूत्र हम सहज, सौम्य और मधुर जीवन का संकल्प लें। अपने दैनिक जीवन में निम्न बातों पर अमल करें 1. सूर्योदय से पहले उठकर प्राणों में ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार कीजिए, माता-पिता को प्रणाम कर उनके आशीर्वाद लीजिए । 2. दूसरों के द्वारा किए जाने वाले प्रणाम और अभिवादन को आदरपूर्वक स्वीकार कीजिए । 3. घर को स्वच्छ और सुंदर रखिए । घर की छोटी-बड़ी- - सब वस्तुएं निर्धारित स्थान पर रखिए । 4. घर के कामकाज में सहयोग कीजिए, खाने की वस्तु पहले छोटों को दीजिए । 5. धुले हुए स्वच्छ वस्त्र पहनिए; अमर्यादित पहनावे से परहेज रखिए । 6. खाद्य पदार्थों को ढककर रखिए; ईंधन और पानी को व्यर्थ न जाने दीजिए । Jain Education International 41 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003877
Book TitleJiye to Aise Jiye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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