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________________ यह छोटी-सी घटना सहज प्रेरणादायी है कि छोटी-छोटी बातें जीवन के लिए कितना महत्त्व रखती हैं और उनसे किस तरह जीवन प्रेरित एवं प्रभावित होता है । हमारा आचार और व्यवहार ही हमारे व्यक्तित्व की तस्वीर होती है। जहां शिष्ट व्यवहार हमारे शिष्ट व्यक्तित्व को उजागर करता है, वहीं अशिष्ट व्यवहार हमारे अशिष्ट व्यक्तित्व को । वह व्यक्ति पढ़ा-लिखा होते हुए भी अपरिपक्व ही कहलाएगा, जो औरों के साथ शालीनता से पेश नहीं आता। एम.ए. की उपाधि प्राप्त कर लेने भर से व्यक्ति एम. ए. एन. (मैन / मनुष्य) का गौरव हासिल नहीं कर सकता। नैतिक और व्यावहारिक शिष्टता ही व्यक्ति को उसकी विशिष्टता और यशस्विता प्रदान करती है। कुलीनता की पहचान आचार-व्यवहार से सबके साथ शिष्ट और विनम्र व्यवहार करना ही व्यक्ति की शालीनता है । यहां तक कि हमें अपने कर्मचारी और पालतू कुत्ते के सामने भी सलीके से पेश आना चाहिए। स्वयं के जीवन को सुव्यवस्थित और अनुशासित ढंग से ना, साथ ही औरों के मान-सम्मान और शिष्टाचार का ध्यान रखना व्यक्ति की विशेषता है । पुष्प वही ग्राह्य होता है, जो पुष्पित और सुवासित होता है । हमारी ओर से ऐसा कोई व्यवहार नहीं होना चाहिए, जिससे किसी के हृदय को आघात पहुंचे। हमारी कुलीनता की पहचान हमारे आचार-व्यवहार से ही होती है। व्यक्ति जन्म से नहीं, अपने कर्म, गुण और व्यवहार से ही स्वयं को और अपने कुल को गौरवान्वित करता है । 1 जीवन में सफलता पाने का पहला गुर ही सबके साथ शालीन, विनम्र और मधुर व्यवहार करना है । किसी के द्वारा अशिष्ट बरताव किए जाने पर भी स्वयं पर संयम रखना और अपनी शिष्टता तथा शालीनता को बरकरार रखना जीवन की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है। Jain Education International 37 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003877
Book TitleJiye to Aise Jiye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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