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भरी हुई हो। अगर ऐसा है, तो मानकर चलें कि आपका पूरा दिन सुस्त और निराशा से भरा होगा। यदि आप सुबह आंख खुलते ही अपने आप में विश्वास और प्रसन्नता का संचार करें, तो इस बात को देखकर चमत्कृत हो उठेंगे कि आपका पूरा दिन कितना अधिक मधुर और आह्लादपूर्ण रहा। आप अपने आप में एक प्रयोग करके देखें। सुबह पौ फटते ही आप निद्रा का त्याग कर दीजिए। आंख खुलते ही केवल दो मिनट के लिए ही सही गहरी सांस लें और अपने तन-मन में विश्वास और माधुर्य का संचार करें। स्वस्थ और प्रसन्न मन के साथ जब हम अपने शरीर से रू-ब-रू होंगे तो शरीर भी मन जितना ही स्वस्थ और प्रसन्न हो उठेगा और इस तरह से हमारा हर नया दिन हमारे लिए एक नया अनमोल उपहार होगा। सुबह जगने के बाद हमें अपने घर की चारदीवारी में लगे पौधों के पास जाकर या कमरे की खिड़की से बाहर झांककर कुछ अच्छी-प्यारी भावभीनी लंबी-गहरी सांसें लेनी चाहिए। शरीर को निर्मल करने के लिए शौच-क्रिया से अवश्य निवृत्त होना चाहिए। तन-मन की स्वस्थता के लिए थोड़े गुनगुने पानी से नहाएं, स्वच्छ-धुले ढीले कपड़े पहनें, थोड़ा योगासन करें, चित्त की स्वस्थता और स्वच्छता के लिए ध्यान करें। हमें सुबह का अल्पाहार लेने से पहले किसी कागज पर उन सारे कार्यों की योजनाबद्ध सूची तैयार कर लेनी चाहिए, जोकि हमें आज दिन भर में संपादित करने हैं। इस तरह से हमारे हर दिन की एक सुव्यवस्थित शुरुआत होगी। योजनाबद्ध तरीके से अपने हर दिन की शुरुआत करने वाला व्यक्ति एक ही दिन में पचासों कार्यों को निपटा लेगा। जो अपने जीवन के प्रति व्यवस्थित दृष्टिकोण नहीं रखता, उसका हर दिन और हर कार्य अव्यवस्थित होता है। योजनाबद्ध और व्यवस्थित रूप से कार्यों को संपादित करने वाला व्यक्ति सात दिन के कार्यों को एक दिन में पूरा कर सकता है। जिसके जीवन में कोई व्यवस्था नहीं, वह एक दिन के कार्यों को सात दिन में निपटा सके, संभव नहीं।
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