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याद रखो, बादलों से बरसने वाली बूंदें भले ही छोटी-सी नज़र आएं, किंतु ये छोटी-सी नज़र आने वाली बूंदें ही बहुधा बाढ़ का रूप ले लिया करती हैं। आखिर दनिया की कोई भी कितनी भी बड़ी नदी क्यों न हो, अपने उदगमस्थल पर तो पानी की एक पतली धार भर होती है। जिस एक पेड़ से लाखों तीलियां बनती हैं, अगर उनमें से कोई एक तीली आग पकड़ ले, तो वह आग का इतना विराट रूप ले सकती है कि लाखों पेड़ों को जलाने में वह अकेली समर्थ हो जाती है। क्या कोई बीते कल को यह विश्वास करता था कि किसी अर्द्धनग्न गांधी की अहिंसा भारत जैसे किसी विशाल राष्ट्र को आज़ाद कराने में कोई अहम भूमिका निभा सकती है? नेलसन मंडेला की रक्तहीन क्रांति ने भले ही उसे बरसों जेल में रहने के लिए विवश किया, लेकिन दृढ़ आत्मविश्वास और लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता ने अंततः मंडेला को राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित किया। क्या आप इन सब बातों को अपने आप में घटित होते देखना चाहते हैं? व्यक्ति के भीतर आज जितनी ज़रूरत शिक्षा और ज्ञान की है, उससे कहीं ज्यादा निष्ठा और विश्वास की है। माना कि हर व्यक्ति विश्व का दारोमदार नहीं बन सकता, किंतु वह अपने स्वयं का नियंता तो हो ही सकता है। माना कि आकाश को मापने के लिए प्रकृति ने हमें पंख नहीं दिए हैं, किंतु हां, वे दो पांव जरूर दिए हैं, जिनके बूते हम कुछ पर्वतों को तो पार कर ही सकते हैं, बाधाओं को तो लांघ ही सकते हैं, छोटे पैमाने पर ही सही, नए मूल्यों और आदर्श की उपस्थापना तो कर ही सकते हैं।
दिन की सुव्यवस्थित शुरुआत स्वस्थ और सुंदर जीवन का स्वामी होने के लिए हमें इस बात पर गौर करना चाहिए कि हम हर दिन अपने कार्यों का श्रीगणेश किस रूप में करते हैं। हालांकि कहने में यह बात बहुत छोटी-सी होगी कि आप अपनी सुबह की नींद के खुलते ही अपने आप में क्या सोचते और देखते हैं, पर इस बात में बहुत दम है। कहीं ऐसा तो नहीं कि हमारी अलसुबह सुस्ती और उदासी से
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