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________________ सजगता जीवन की व्यवस्था के प्रति हमारी ओर से शुरुआत भले ही छोटी-सी ही क्यों न हो, पर छोटी-सी शुरुआत दृढ़ आत्मविश्वास के साथ की जाए, तो निश्चय ही आने वाला कल आतंक और उग्रवाद का नहीं, प्यार और अनुराग का होगा; स्वार्थ और विलास का नहीं, भाईचारा और विकास का होगा । इसके लिए हमें अपने हर छोटेसे-छोटे कार्य के लिए सजग होना होगा । हमारे द्वारा संपादित होने वाले छोटे-मोटे रचनात्मक कार्य ही आने वाले कल के इतिहास की स्वर्णिम रेखाएं बन सकते हैं। आखिर हर व्यक्ति अपने हर नए दिन की शुरुआत किसी-न-किसी कार्य से ही करता है । क्या हम यह देखने और सोचने का कष्ट करेंगे कि वह कार्य क्या है और कैसा है ? हमारे उस कार्य की शुरुआत स्फूर्त हृदय के साथ हो रही है या मुर्दा मन के साथ ? हम विश्वास और निष्ठा के साथ कार्य के प्रति मुखातिब हो रहे हैं या प्रमाद और असफल भावना के साथ । ओह, व्यक्ति अपने किसी भी कार्य को व्यर्थ न समझे । दुनिया का हर कार्य अपने आप में श्रेष्ठ होता है, महत्व केवल इसी बात का है कि हम उसे किस होशोहवास के साथ शुरू करके पूरा करते हैं। बूंदें ला सकती हैं सैलाब कई मर्तबा व्यक्ति की एक छोटी-सी कल्पना किसी नए आविष्कार की सूत्रधार बन जाया करती है । उसका छोटा-सा नज़र आने वाला चिंतन उसके घर-परिवार की दिशा बदल देता है । उसका कोई एक छोटा-सा कृत्य इतिहास की अमर कृति बन जाया करता है और उसका रचनात्मक जीवन धरती को स्वर्ग जैसा स्वरूप प्रदान करने में आधार - भूमि हो जाया करता है । इस स्थिति को समझने के बाद भी क्या हम अपने छोटे-से चिंतन, कार्यकलाप और अपनी रोजमर्रा की जिंदगी के प्रति सजग नहीं होंगे ? Jain Education International 32 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003877
Book TitleJiye to Aise Jiye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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