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गुरु बनाने आया होगा। अरे कोई व्यक्ति बाजार में दो रुपए का घड़ा भी खरीदता है तो भी उसे चारों तरफ से ठोक बजा कर देखता है कि घड़े में कोई छेद या दरार तो नहीं है । जब घड़े को भी ठोक बजा कर खरीदा जाता है तो शायद यह मुझे ठोक बजा कर देखता हो कि मैं गुरु बनाने लायक हूँ कि नहीं।' इसे कहते हैं क्रोध का जवाब मुस्कान से ।
जहाँ तक संभव हो हर किसी व्यक्ति से प्रेम से बोलें, प्रेम से मिलें। आँख कभी लाल मत करो और जीभ से कभी कड़वा मत बोलो । स्वभाव में और भाषा में विनम्रता हो । दुनिया में वे लोग ज्यादा सम्मान पाते हैं जो सरल भी होते हैं और सहज भी । हम जन्म लेते हैं तो जीभ हमें जन्म के साथ मिलती है पर दाँत पीछे आते हैं । पर यह प्रकृति का सत्य है कि जीभ अंत तक हमारे साथ रहती है और दाँत पहले ही टूट जाते हैं । जो नरम है वह सबको प्रिय होता है और जो कठोर, वह अपने परिवार का भी प्रिय नहीं हो सकता है। प्रेम चाबी है और क्रोध हथोड़ा । ताले को खोलने के लिए दोनों का ही प्रयोग किया जा सकता है पर याद रखें चाबी से ताला खुलता है और हथोड़े से ताला टूटता है । चाबी से खुला ताला बारबार काम आता है पर हथोड़े से टूटा ताला अंतिम बार । प्रेम से काम बनते हैं और क्रोध से बिगड़ते हैं ।
गुस्से में भरकर एक व्यक्ति ने भीड़ में खडे एस. पी. के मुँह पर थूक दिया। पास खड़े इंस्पेक्टर ने इसे एस. पी. का भंयकर अपमान समझा। झट से रिवाल्वर निकाली और उसकी छाती पर तान दी। एस. पी. क्षणभर में सहज हुआ उसने मुस्कान ली और इंस्पेक्टर के हाथ से रिवाल्वर लेते हुए कहा, 'तुम्हारे जेब में रूमाल है क्या ?'
इंस्पेक्टर से रूमाल लेकर एस. पी. ने अपने चेहरे पर लगा थूक पोंछा और मुस्कुराते हुए कहा, जो काम रूमाल से निपट सकता है उसके लिए रिवाल्वर क्यों चलायी जाये ।
जीवन को ही स्वर्ग बनाएं
क्रोध करने का अर्थ है, दूसरों की गलतियों का प्रतिशोध स्वयं से लेना। गलती किसी और ने की और गुस्सा आपने किया । संभव है सामने वाला तो तुम्हारे गुस्से को झेल कर बाहर चला गया पर तुम अपने ही
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