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ध्यान : व्यक्ति से विश्व की ओर
यदि आपको अपने आप से पहचान करनी हो, स्वयं की उच्च मानसिक क्षमताओं का विकास करना हो और जीवन को अधिक आनंदित और ऊर्जस्वित बनाना हो, तो आइये हम स्वयं को एक ऐसी राह पर ले चलते हैं, जिसे ध्यानयोग कहा जाता है । जिन्हें लगता है कि उनकी स्मरणशक्ति कमजोर है, बुद्धि मंद है, पढ़ने में या काम करने में मन नहीं लगता, उनसे अनुरोध है कि वे ध्यान लगाएँ । जीवन में स्वतः त्वरा और प्रखरता आएगी। जैसे पेंसिल को घिसने से वह नुकीली हो जाती है, ऐसे ही मानसिक एकाग्रता से गुजरकर हमारी ज्ञान और आत्मिक ऊर्जा भी एकरस, एकलय, एक लक्ष्योन्मुख हो जाती है। बिखरे हुए पानी को जमीन सोख लेती है, पर एकत्रित हुआ पानी बहती नदिया का रूप लेकर विद्युत-शक्ति को जन्म दे देता है।
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१६ / ध्यान का विज्ञान
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