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________________ एक महिला मेरे पास आई और कहने लगी, 'महाराज जी, मेरे पति गुटखा बहुत खाते हैं । आप इनका गुटखा छुड़वा दें, मैं धन्य हो जाऊँगी।' मैंने इस पर ज्यादा गौर नहीं किया, क्योंकि मेरे पास आने वाली कई महिलाएँ ऐसा आग्रह करती रहती हैं। मेरी समझ से ऐसे पति कम होते हैं जो कहते हों कि मेरी पत्नी में अमुक दुर्गुण हैं, कृपया छुड़वा दीजिए। लेकिन सारी पत्नियाँ एक ही तरह से सोचती हैं। वे पति के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहती हैं। पत्नी अपने पति की सबसे बड़ी हितैषी होती है, सदा शुभ चाहने वाली होती है। पति तो पत्नी का सुहाग होता है। सुहाग स्वस्थ रहे, सुरक्षित रहे, ताजीवन रहे, पत्नी की यही तो चाहत, दुआ और प्रार्थना होती है। __पत्नी और धर्मपत्नी में अंतर है। धर्मपत्नी वह होती है, जो पति को धर्म की राह पर ले जाए। केवल पत्नी है तो हो सकता है वह पति को पतन के मार्ग पर ले जाए। महिलाएँ विचार करें कि वे क्या हैं, पत्नी या धर्मपत्नी? धर्मपत्नी की प्रेरणा रहेगी कि दुकान जाओ, तो पहले मंदिर में मत्था टेक कर जाना। पत्नी रहेगी तो कहेगी कि शाम का खाना आज बाहर खाएँ । तुम तो दो टिकटें ले आना, बड़ी अच्छी फिल्म है, दिल वाले दुलहनिया ले जाएंगे, मजा आ जाएगा। जिसके जैसे संस्कार होंगे, वैसी बातें होंगी। ज्यों-ज्यों धर्मपत्नियों की बजाय पत्नियों का दौर बढ़ता जा रहा है, त्यों-त्यों बाजारू खाने का चलन बढ़ा है, बीमारियाँ फैल रही हैं, पति की जेब खाली हो रही है। अब पत्नी के रूप में सीता और पार्वती नहीं मिलती, अब तो सिंदुराएँ और कोमोलिकाएँ बनने की होड़ मची है। टीवी धारावाहिकों ने घर-घर इन पात्रों को इस तरह पहुँचा दिया है कि हर पत्नी में उनके चरित्र हावी होते जा रहे हैं। पत्नी से भगवान बचाए, पर अगर धर्मपत्नी मिलती हो तो उस भागवान में ही भगवान देख लें। उस महिला ने मुझसे आग्रह किया, तो पहले तो मैंने इसे गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब उसने कहा कि आज उसका जन्म दिन है, तो मैंने उसके पति से बात करने का फैसला किया। धनपति मुकेश अंबानी ने अपनी पत्नी को उसके जन्म दिन पर 240 करोड़ रुपए का विमान गिफ्ट में दिया। जो महिला मेरे पास आई थी, उसके पति की ऐसी क्षमता न थी। पति सामने आए, तो मैं उन्हें अलग से लेकर बैठा। दो मिनट तक अपने तरीके से उन्हें समझाया और यह कहा कि यदि आप गुटखा छोड़े देंगे, तो आपकी पत्नी को आपकी तरफ से यह जन्मदिन का सबसे बड़ा तोहफा होगा। पति को याद ही न था कि आज पत्नी का जन्मदिन है। उन्हें मेरी बात ऐसी लगी कि तत्काल उन्होंने हाथ में जल लिया और गुटखे को हमेशा के लिए तिलांजलि दे दी। पति के इस त्याग पर पत्नी की आँखें भर आईं। उसने कहा, 'मेरी शादी हुए ग्यारह साल हो गए, पर आज मुझे 67 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003862
Book TitleMrutyu Se Mulakat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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