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________________ सीखिए, लाइफ मैनेजमेंट के गुर MORCHAMRAPARISo c iprompaARMER808080RRIOR बेहतर योजना बेहतर भाग्य मनुष्य के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है। चुनौती यह है कि मनुष्य स्वयं को व्यवस्थित कैसे करे? संसार की हर वस्तु के पीछे एक व्यवस्था काम करती है। ऋतुओं के निर्माण एवं परिवर्तन के पीछे प्रकृति की व्यवस्था काम करती है। सरोवर, झरने यहाँ तक कि ग्रहगोचर, चाँद-सितारों के पीछे भी अस्तित्व की एक व्यवस्था है। सच तो यह है कि इंसान भी उसी व्यवस्था का एक हिस्सा है। जन्म-मरण, सुख-दुःख, मिलन-विरह, यश-अपयश इन सबको देखकर ऐसा लगता है कि हर चीज़ के साथ एक व्यवस्थापक लगा हुआ है और उसकी व्यवस्थाएँ इतनी सुव्यवस्थित हैं कि पलभर, श्वासभर, रत्तीभर का भी उसमें कोई फ़र्क नहीं आता। हमें प्रकृति और परमात्मा की इस व्यवस्था को समझकर अपने लिए जीवन की अन्तर्दृष्टि उपलब्ध LIFE 85 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003860
Book TitleLife ho to Aisi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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