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बातचीत बंद है। मैंने कहा, ऐसी बात है, इतना लम्बा अर्सा बीत गया है। आप मुझे बताएँगे उस दिन क्या तारीख़ थी ?' उन्होंने तारीख़ बता दी। मैंने पूछा, 'वार क्या था ?' बोले, 'वार तो याद नहीं है।'' अंदर से कैलेण्डर ले आइए।' वह चौंके, कहने लगे, 'इतना पुराना कैलेण्डर कहाँ से मिलेगा ?' अगर पुराना कैलेण्डर नहीं मिल सकता तो इतनी पुरानी बातों को क्यों ढो रहे हो ? हमने अर्ज किया, अरे, एक महीना बीत जाता है। तो कैलेण्डर का पन्ना बदल देते हैं और साल बीत जाए तो कैलेण्डर ही बदल देते हैं। लेकिन हम कैसे इंसान हैं जो सोलह साल बीत गए फिर भी बातों को ढो रहे हैं ! उन्हें बात लग गई। वह अपनी भूल समझ गये । हमने उन्हें मिश्री दिलवाई और शोभायात्रा में शामिल करवाया ।
कृपया याद रखें, जो भाई भाई से नहीं बोलता, उससे वैर-विरोध रखता है, वह संवत्सरी प्रतिक्रमण में समाज के मध्य खड़े होकर क्षमापना का अधिकारी नहीं होता। अगर आपके जीवन में किसी भी प्रकार के क्रोध ने स्थान बना लिया हो तो उससे ऊपर उठने का प्रयास कीजिए। पानी में खींची गई लकीर जैसा क्रोध तो शायद क्षम्य भी हो, पर अन्य दोनों प्रकार के क्रोध आपके जीवन को अशांत और तनावमय बना देंगे। आपके रिश्तों में ज़हर घोल देंगे ।
अब हम देखेंगे कि गुस्सा किन कारणों से आता है.
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गुस्सा हमेशा दूसरे की ग़लतियों पर आता है, स्वयं की ग़लतियों पर नहीं। मानो कि आप शेविंग कर रहे हैं और गाल पर ब्लेड से कट लग गया और ख़ून आ गया तो आप किस पर गुस्सा करेंगे ? किसी पर नहीं, हाँ, अगर कोई आप पर थूक दे तो ज़रूर आग-बबूला हो जाएँगे, पर यदि अपना थूक ही अपने पर गिर जाए तो ? ख़ुद की ग़लती पर हम गौर नहीं करते, पर दूसरे से ग़लती हो जाए तो !
मेरे प्रभु, याद रखो, जो मसला सुई से हल हो जाए उसके लिए तलवार मत चलाइए। जो बात आँख दिखाने से समझ में आ जाए उसके लिए गाली-गलौच मत कीजिए क्योंकि अभी-अभी जिस बात पर गुस्सा आया है उसके साथ चार दिन पुरानी बातें और भी जुड़ जाती हैं, गड़े मुर्दे उखड़ने लगते हैं। अरे भाई, शीशी अभी फूटी है, जबकि पन्द्रह दिन पहले टूटे गुलदस्ते का गुस्सा भी आज शामिल हो जाता है।
दूसरी बात, गुस्सा हमेशा कमज़ोर पर आता है। पिता अपने बच्चों पर, मालिक नौकर पर बच्चे खिलौनों पर गुस्सा करते दिखाई देते हैं । जो किसी दूसरे पर गुस्सा नहीं कर सकते वह निरीह मूक जानवरों पर क्रोध करते देखे जा सकते हैं। कुछ नहीं, चल रहे हैं। सड़क पर से उठाया पत्थर और मार दिया किसी कुत्ते पर जमा दी छड़ी गाय या बकरी पर गुस्सा हमेशा नीचे की ओर बहता है और प्रेम हमेशा ऊपर की ओर ।
कहते हैं एक व्यक्ति सड़क पर जा रहा था । कहीं से आकर उसे पत्थर लगा। उसे क्रोध आ गया।
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