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________________ नजरें पवित्र कर लीं तो छोटे-से-छोटे आदमी के पास जाकर भी हम परिवर्तन की डगर पर चल सकते हैं। इसलिए सबसे पहले दर्शन-विशुद्धि हो । दर्शन विशुद्ध हो गया तो ज्ञान विशुद्ध होगा और फिर चरित्र की विशुद्धि होगी। इसके बाद की यात्रा मोक्ष की है । ये तीनों सध जाने पर आदमी की निर्वाण की यात्रा शुरू होगी। अन्यथा ज्ञान और चरित्र तो पा लेंगे किन्तु दर्शन की विशुद्धि नहीं हो पाएगी। कोई भी चीज दो डंडों पर नहीं टिकती, उस के साथ एक और डंडा लगाना पड़ेगा। तभी वह तिपाही बनेगी। __ परिवर्तन तो बाहर और भीतर दोनों का जरूरी है। यह संतुलन परम आवश्यक है। अकेला नेत्रहीन भी कुछ नहीं कर सकेगा और न पंगु भी कुछ कर पाएगा। एक बार जंगल में आग लग गई थी। उसमें एक नेत्रहीन और एक पंगु फँस गए। अब बचें कैसे? उन्होंने हाथ मिलाया और पंगु नेत्रहीन के कंधे पर बैठ गया। उसने नेत्रहीन को रास्ता बताया और वे दोनों तुरंत ही जलते हुए जंगल से बाहर निकलने में सफल हो गए। यदि वे दोनों हाथ नहीं मिलाते, तो दोनों ही आग से बच कर बाहर नहीं निकल पाते। एक पहिये से रथ कभी नहीं चल सकता और दो बेमेल पहिये भी काम नहीं आ सकते। वहाँ भी संतुलन रहना जरूरी है। महावीर ने कहा था कि सबसे पहले दर्शन की विशुद्धि करो, फिर ज्ञान में उतरो और बाद में चारित्र को जीवन में उतारो।' यह क्रम सही रहेगा तो मोक्ष के मार्ग पर कदम बढ़ा सकोगे। केवल ज्ञान भी काम नहीं आ सकेगा क्योंकि सम्यक् ज्ञान भी जरूरी है, तभी तो वह जीवन का आचरण बन पाएगा। अन्यथा स्वाध्याय तो हम खूब कर लेंगे, लेकिन यदि वह जीवन में, आचरण में नहीं उतरा तो बेकार है । साधना के तीन सूत्र हैं- सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान और सम्यक् चरित्र । ___ पहले भीतर से अपने को निर्मल करो। फिर सब कुछ स्वतः ही निर्मल होता चला जाएगा। भीतर कुंठा है तो बाहर भी कुंठा ही आएगी। भीतर सुगंध है तो उसकी सुवास बाहर भी फैलेगी। सत्य को तो जानो ही, असत्य को भी समझो। जब तक असत्य से रू-ब-रू नहीं होओगे, तब तक सत्य के निकट कैसे पहुँचोगे? अज्ञान को समझकर ही ज्ञान की प्राप्ति की जा सकती है। Jain Education International For Person by Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003859
Book TitleAdhyatma ka Amrut
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2010
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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