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प्रवचन-क्रम
१. ध्यान और हम
२. कृत्य छोटे, प्रसाद अनुपम ३. परिवर्तन की पुरवाई ४. देह में देहातीत
५. विचारों की विपश्यना
६. मन हो मौन, हृदय हो जाग्रत
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७. हृदय के खुलते द्वार
८. चेतना का रूपान्तरण
९. साक्षित्व के किनारे
१०. अन्तर-मौन : मुक्ति की आत्मा
११. ध्यानयोग-विधि-१
१२. ध्यानयोग-विधि-२
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