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________________ बृदबांतिस्तव अर्थसदित. ३४७ प्रतिष्ठाना तथा ( यात्रा के० ) यात्राना तथा (स्नात्र के०) स्नात्रना (श्रव सानेषु के०) अवसान जे अंत तेने विषे लणवो. तथाः(आदि के०)यादि शब्दें करी पाक्षिक, सांवत्सरिक प्रतिक्रमणना अंतमा अवश्य पाठ करवो, तथा वीजा पण धर्मकार्योनी समाप्तिमा मंगलार्थ ते शांतिपाठ अवश्य उद् घोषण करवा योग्य जे. हवे ते केहवी रीतें उद्घोषण करवू? ते कहे बे. कोर पण विशिष्टगुणवान् श्रावक, उनो थश्ने (शांतिकलशं के०) शांतिने माटें शुरुजलें नरेला शांतिकलशने मावा हायने विषे ( गृहीत्वा के०) ग्रहण करीने तेनी उपर दक्षिण कर स्थापन करीने (कुंकुमचंदनकर्पूरागरु धूपवासकुसुमांजलिसमेतः के०) कुंकुम, चंदन, कपूर, अगरु धूप, वास, कुसुमांजलि, तेणें समेत एटले युक्त बतो (स्नात्रचतुष्किकायां के०)स्नात्र मंझपमां (श्रीसंघसमेतः के ) चतुर्विध संघयुक्त बतो (शुचिशुचिवपुः के०) बाह्याभ्यंतर मलिनतारहित वपु एटले शरीर जेनुं एवो (पुष्प के०) पुष्प, ( वस्त्र के ) पवित्र देवपूजायोग्य जे वस्र, तथा ( चंदन के०) चंदन, (आचरण के०) वलयमुर्णिकादिक, तेमणे (अलंकृतः के० ) सुशो जित बतो (पुष्पमालां के०) पुष्पनी जे माला तेने ( कंठे के०) पोताना कंठने विषे (कृत्वा के) करीने एटले धारण करीने (शांतिमुद्घोषयित्वा के) महोटा शब्दें शांतिने उद्घोष करीने पठी ते महान् पुरुषं तथा बीजायें (शांतिपानीयं के०) शांतिकलशन जे जल तेने (मस्तके के०)मस्तक नेविषे (दातव्यं के०) देपण करb. (इति के०) इति ए समाप्तिना अर्थमां . हवे फरीने नव्यजनो स्नात्रप्रांतमां शुं करे ने ? ते कहे जे. नृत्यंति नित्यं मणिपुष्पवर्ष, सृजति गायंति च मंगलानि ॥ स्तोत्राणि गोत्राणि पति मं त्रान्, कल्याणनाजो दि जिनानिषेके ॥१॥ अर्थः-(जिनानिषेके के०) जिनना अनिषेकने विषे एटले स्नात्रमहो त्सवने विषे जे नव्यजनो ( नित्यं के ) निरंतर ( नृत्यंति के० ) नृत्य करे , (मणि केश) रत्न, उपलक्षणथी मोतीयो अने (पुष्पवर्ष के०) पंच वर्ण युक्त फूलो तेमनी वृष्टिने ( सृजंति के०) करे . ( च के० ) वली (मंगलानि के०) मंगल एवां एवां गीत अने धवल तेने (गायंति के०) Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003850
Book TitlePratikraman Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1906
Total Pages620
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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