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________________ तिजयपहुत्त प्रर्थसदित. १३० विना बाकीनां चार कोष्टकोमां जिहां (२५) (८०) (१५) (२०) एवा अंको नरेला बे, ते चारे अंकोनी नीचें अनुक्रमें ( हरहुंहः के० ) ह, र, हुं, हः, ए चार बीजो लखवां. तथा बीजी पंक्तिना मध्यना कोष्टकमां तो पूर्वै ( प ) अक्षर लखेलुंज बे, पठी बाकीनां चार कोष्टकोमां जेमां (२०) (४५) (३०) ( 2 ) एवा चार को लखेला बे ते कोनी नीचें अनुक्रमें ( सरसुंस के० ) स, र, सुंः, सः, ए चार बीजो लखवां. तथा त्रीजी पंक्तिना कोष्टकोमां तो पूर्वै “पि खादा " ए पांच बीजमंत्राक्षरो लखेलांज बे, तथा वली चो पंक्ति कोष्टक मांदेला मध्यकोष्टकमां तो पूर्वे (स्वा) र लखे लुंज बे, ते विनानां बीजां चार कोष्टको जेमां ( 30 ) (३५) (६०) (4 एवा को लखेला बे, ते अंकोनी नीचें वली बीजी वारनां प ( हरहुंहः ho ) द, र, हुं, हः, ए चार बीजो अनुक्रमें लखवां तथा पांचमी पंक्तिना कोष्टकमांहेला मध्यकोष्टकमां तो (हा ) अक्षर पूर्वे लखेलुंज बे ते वि नानां बीजां चार कोष्टकामध्यें (२५) (१०) (६५) (४०) एवा चार को पूर्वै लखेला बे ते अंकनी नीचें अनुक्रमें ( सरसुंसः के० ) स, र, सुः, सः, ए चार बीज लखवां, छाने वली (खालि हिय के०) लिखित ए टले (To) समस्त प्रकारें करीनें ( लिखित के० ) लख्युं बे ( नाम hu ) साधन करनार पुरुषनुं नाम ँ कारसहित जे यंत्रना (गनं के० ) गर्न एटले मध्यजागना मध्य कोष्टकने विषे, एवो (किर के०) किल एटले निवें ( सहज के० ) सर्वतोभद्र एटले ऊर्ध्व पंक्तिनी गणनायें तथा मी पंक्तिनी गणनायें तथा तीच पंक्तिनी गणनायें तथा कोणगत पंकिनी गणनायें सर्वतो एटले ए पंक्तिना सर्व प्रकारें को गणतां शरवाले ( १७० ) थाय बे, तेमादें सर्वतोभद्र एवं ( नाम के० ) नाम बे जेनुं, एवं ( चक्कं के० ) चक्र ते यंत्र जाणवो, तथा वली ( सर्वतः के० ) सर्व प्रकारें जे थकी (as ho) कल्याण थाय बे. तेमाढें सर्वतोभद्र नाम जाण ॥६॥ हवे पी ते यंत्रना चारे तरफना पार्श्व प्रदेशोने विषे रह्यां एवां जे शोल कोष्टको तेने विषे शोल विद्या देवीनां नाम लखवां, ते कहे . रोहिणी पन्नत्ती, वसिंखला तदय वप्रकुसिया ॥ चक्केसरि नरदत्ता, कालि महाकालि तद गोरि ॥ ७ ॥ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003850
Book TitlePratikraman Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1906
Total Pages620
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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