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gu जुयल पकालिय कलिमलु सो जु वणत्तय सामि-पास मह मद्दउ रिउ. बलु. जय जोश्य मण कमल न सल नय पंजर कुंजर, तिहुअण जण अणंद-चंद जुवण तय दिणयर; जय म मेशणि वारि वाह जयजंतु पियामह, थनणय दिव्य पास-नाह नाहत्तण कुण मद. ७ बहु विहु वन्नु अवन्नु सुन्नु व निज बप्पन्निहि, मुरक धम्म का मत्थ-काम नर नियनिय सस्थिहि; जं फायहि बहु दरिस पत्थ बहु नाम पसिद्धउ, सो जोश्य मण क
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