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गरल गहुग्ग-खग्ग रिउ वग्गु वि गंज; दुत्थिय सत्य णत्थ- घत्थ नित्थर दय करि, पुरियर हरज स पास देउ पुरिय करि केसरि ५ तुह आणा थंनेइ- नीम दप्पुधुर सुरवर रकस जरक फणिंद-विंद चोरानल जलहर; जलघर चारि रद्द - खुद्द प्रसु जोइणि जोश्य, श्य तिहुश्रण विलंघियाण जय पास सुसामि य. ६ पत्थिय अत्थ छाणत्थ तत्थ जत्तिब्जर निब्नर, रोमंचचिय चारु कार किन्नर नर सुरवर; जसु सेवहि कम कमल
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