SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 7
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४५. 'जैसी करनी वैसी भरनी' . पर एक टिप्पणी -डॉ. राजेन्द्रस्वरूप भटनागर २६८ ४६. कर्म सिद्धान्त : एक टिप्पणी -डॉ. शान्ता महतानी ३०५ तृतीय खण्ड कर्म सिद्धान्त और आधुनिक विज्ञान ३०९-३३० ४७. कर्म और आधुनिक विज्ञान -आचार्य अनन्तप्रसाद जैन ४८. कर्म सिद्धान्त और आधुनिक विज्ञान -श्री अशोककुमार सक्सेना ३१५ ४६. कर्म सिद्धान्त : वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में -डॉ. महावीरसिंह मुडिया . ३२३ ५०.जैन कर्म सिद्धान्त और विज्ञान : पारस्परिक अभिगम -डॉ. जगदीशराय जैन चतुर्थ खण्ड कर्म और पुरुषार्थ की जैन कथाएँ ३३१-३५२ ५१. कर्म और पुरुषार्थ की जैन कथाएँ -डॉ. प्रेमसुमन जैन १. आटे का मुर्गा -डॉ. प्रेमसुमन जैन २. सियारिनी का बदला -डॉ. प्रेमसुमन जैन ३. जादुई बगीचा -डॉ. प्रेमसुमन जैन ३४२ ४. दो साधक जो बिछुड़ गये -श्री सुजानमल मेहता ५. कर्म का भुगतान -श्री चांदमल बाबेल ३४६ परिशिष्ट ३२६ mr ന mr ന mr ന mr ३४५ mr ३५३ हमारे सहयोगी लेखक विज्ञापन -संकलित --संयोजन-श्री सुमेरसिंह बोथरा (vi) Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003842
Book TitleJinvani Special issue on Karmsiddhant Visheshank 1984
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendra Bhanavat, Shanta Bhanavat
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year1984
Total Pages364
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy