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परदेश जवा विगेरे संबंधी शकुनविचार. १११. वार बोले तो स्त्रीनो लाल, त्रण वार बोले तो व्यनो लाल, चार वार बोले तोराजानी कृपा तथा पांच वार बोले तो कट्याण थाय . जो नाचतो मोर देखाय तो उत्साह उत्पन्न श्राय डे तथा ते मंगळकारी अने अधिक लालदायक थाय .
२२ जती वखते जो समळी आहार सहित कामनी उपर बेली देखाय तो मोटो लाल श्राय , जो आहार विना बेठी होय तो जq निष्फळ थाय , जो माबी बाजु तरफ बोलती होय तो उत्तम फळ श्राय तथा जो जमणी तरफ बोलती होय तो उत्तम फळ अतुं नथी.
२३ गाम जती वखते जो घुग्घू (घुवम) मावी बाजु तरफ बोलतुं होय तो उत्तम फळ थाय , जो जमणी बाजु तरफ बोलतुं होय तो जय उत्पन्न श्राय , जो पीउनी पळवामे बोलतुं होय तो वैरी वश थाय , जो सामे बोलतुं होय तो जय उत्पन्न थाय बे, जो अधिक शब्द करतुं होय तो अधिक वैरी उत्पन्न थाय ने, जो घरनी उपर बोलतुं होय तो स्त्रीनें मृत्यु थाय ने अथवा बीजा को घरना माणसनुं मृत्यु थाय ने तथा जो त्रण दिवस सुखी बोलतुं रहे तो चोरीनुं सूचक थाय बे.
२५ चालती वखते कबूतर जमणी बाजु तरफ होवाश्री लानकारी थाय , माबी बाजु तरफ होवाथी लाइ अथवा परिजनने कष्ट उत्पन्न थाय ने तथा पळवामे बोलतुं होवाथी उत्तम फळ थाय .. __ २५ जो कुकमो स्थिरता सहित माबी बाजु तरफ शब्द करतो होय तो लाल अने सुख थाय दे तथा जो जयश्री
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