________________
एG
शकुन विद्यार्नु स्वरूप. पासेथी जे कां तने लेवानुं वे अथवा जे कोइए तारी साथे दगाबाजी करी ने तेने तुं मूली जा, अहींथी थोमे दूर जवाथी तने लाल थशे. आज तें स्वममां देवने अथवा देवीने अथवा कुळना मोटा माणसोने अथवा नदी विगेरेने जोयेल ने अथवा सङनोनी सा तारी मुलाकात श्र.
२२१-हे पूजनार ! श्राज दिवस सुधी जे कांश कार्य तें कर्यु तेमां तने बराबर क्लेश श्रयो अर्थात् तने सुख नहीं मळयु. हवे तुं तारा मनमां कांकट्याणने चाहे ने तथा धननी श्वा राखे , तने मोटा ठेकाणानी चिंता तथा तारं चित्त चंचळ ने ते हवे तारां मुःखनो नाश थर गयो अने कट्याणनी प्राप्ति अइ एम समजी ले. श्रा वातनी सत्यतानुं ए प्रमाण के के तुं स्वममां वृदने जोश्श.
२२२-हे पूछनार ! सऊनोनी साथे तारे विरोध ने अने खराब मित्रनी साथे मित्रता जे. जे तारा मनमां चिंता ने तथा जे मोटुं काम ते उगवी राख्युं ने तेनी सिधि घणा दिवसमां थशे तथा तारं थोड़ें पाप बाकी ले तेनो नाश श्रवाथी तने ठेकाणानो लान थशे.
२५३-हे पूछनार ! आ वखते तें खराब कामनो मनोरथ कों ने तथा तुं बीजाना धननी मददथी व्यापार करीने तारी मतलब काढवाने चाहे वे तो ते संपत्ति मळवी कवण . तुं व्यापार कर, तने लाल थशे, परंतु तें मनमां जे खराब विचार कों ने तेने गेमी दश्ने बीजाकामनो विचार कर. या वातनी सत्यतानुं ए प्रमाण के तुं स्वप्नमां तारा खोटा दिवस देखीश.
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org