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________________ ४३६ ७० १४८ ३३० २२६ विषयानुक्रमणी प्रश्नांक ज्ञान २८७ चक्षु दर्शन ३४१ ज्ञान मार्गणाके भेद २८८ चन्द्रमा परिवार ६३ ज्ञानावरण कर्मके भेद चारित्र मोहनीय ४६२ ज्ञानावरण कर्मके बन्धस्थान ६२६ चारित्र मोहनीयके भेद ४६३ चार मोड़ेवाली गति क्यों तिर्यञ्च कहाँ रहते हैं नहीं होती २७१ तिर्यञ्च और मनुष्योंके वैक्रियिक चारों क्षपकोंका काल ४२१ शरीर कैसे २६२ चारों क्षपकोंका कौन भाव ४३६ तिर्यञ्च और मनुष्योंका भूमिपर चारों उपशमकोंका काल ४२० गमन किस कर्मके कारण ५०६ चौबीस तीर्थङ्कर तिर्यञ्च पञ्चेन्द्रियके भेद चौबीस तीर्थङ्करके जन्म-स्थान ७१ तीनों अवधिज्ञान किसके ३१४ चौबीस तीर्थङ्करके निर्वाण-स्थान ७२ तीर्थङ्कर नामकर्म ५२८ तीर्थङ्कर नामकमका बन्ध छेदोपस्थापना संयम त्रस त्रस नाली ९८ जगत्छ णो त्रस नामकर्म ५०७ जगत्प्रतर त्रेसठ शलाका पुरुष जघन्य बर्ग ५६० त्रैराशिक जघन्य वर्गणा ५६२ जघन्य स्थितिबन्ध किसके ५४६ दर्शन जन्मके भेद १८० दर्शनके भेद जाति नामकर्म ४७३ दर्शन कब होता है जीव प्ररूपणाके भेद १०२ दर्शन मोहनीय जोबविपाकी कर्म ६२७ दर्शन मोहनोयके भेद ४५७ जोवविपाकी कर्म कौनसे ६२८ दर्शन मोहको क्षपणाका जीवसमास १४२ प्रारम्भ कहाँ ज्योतिष्क देव दर्शन मोहकी क्षपणाका ज्योतिष्क देवको आयु ६५ प्रस्थापक ज्योतिष्क देवके भेद ६० दर्शन मोहकी क्षपणाका ज्योतिष्क देव कहाँ रहते हैं ६० निष्ठापक ज्योतिष्क देवके विमानोंका दर्शन मोहको क्षपणाका . आकार ६२ निष्ठापन कहां ३७५ ४४ mm ३३६ ४५६ ३७१ ६४ ३७३ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003835
Book TitleKarnanuyog Praveshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKailashchandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1987
Total Pages132
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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