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________________ केवलो समुद्घात में कितना समय कोड़ाकोड़ी क्षपकश्रेणी क्षपकश्रेणी में गुणस्थान क्षपकश्रेणीमें जीव संख्या क्षपकश्रेणीमें अन्तरकाल क्षयोपशम लब्धि क्षायिक सम्यक्त्व क्षायिक सम्यक्त्वकी उत्पत्तिका क्रम क्षायिक सम्यक्त्वकी स्थिति क्षायिकके गुणस्थान क्षायोपशमिक सम्यक्त्व के गुणस्थान क्षायोपशमिक सम्यग्दृष्टि किस विधिसे श्रेणि चढ़नेका पात्र होता है क्षीणकषाय गुणस्थान क्षीणकषाय गुणस्थान बन्ध क्षीणकषाय गुणस्थान बन्धव्युच्छिति प्रश्मांक क्षेत्र विपाकी कर्म क्षेत्र विपाकी प्रकृतियाँ विषयानुक्रमणी Jain Educationa International २७७ ३८ १२३ १२४ ४०२ ४२८ ३५७ ३६८ ३७० ३७६ ३७७ ३७६ १२६ १३४ ६५६ क्षीणकषाय गुणस्थान उदय क्षीणकषाय गुणस्थान उदय व्युच्छित्ति क्षीणकषाय गुणस्थान सत्त्व क्षीणकषाय गुणस्थान सत्त्वव्युच्छित्ति ७०४ क्षेत्र अनुयोग में किसका कथन ३६१ क्षेत्रफल ६५७ ६८२ ६८३ ७०३ गति गतिके भेद गति नामकर्म गन्ध नामकर्म गर्भजन्म गुणकार गुणप्रत्यय अवधि गुणप्रत्यय अवधि किसके गुणयोनि भेद गुणस्थान गुणस्थानके भेद गुणस्थानके नामोंका करण घन घनक्षेत्रफल घनमूल घनलोक घनांगुल घातायुष्क घातीकर्म घातीकर्म के भेद घातीप्रकृतियाँ गुणश्रेणि गुणहानि गुणहानि आयाम गोत्र कर्म ४४५ गोत्र कर्म के भेद ५२६ गोत्र कर्मका उत्कृष्ट स्थिति बन्ध ५४६ गोमूत्रिका गति २७० १४ घ्राणइन्द्रिय ६२५ ६२६ चक्षुइन्द्रिय For Personal and Private Use Only ११ प्रश्नांक घ २०२ २०३ ४७२ ४६४ १५२ ६ ३११ ३१२ १७५ १०३ १०४ १०५ ७३२ ५६६, ७३३ ५६७ as १५. १२ ४५ ४२ ७६ ६०८ ६०६ ६१२ २२२ २२३ www.jainelibrary.org
SR No.003835
Book TitleKarnanuyog Praveshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKailashchandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1987
Total Pages132
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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