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________________ चरणानुयोग-प्रवेशिका १४३. प्र०-अब्रह्मविरत प्रतिमाका क्या स्वरूप है? उ० -- पूर्वोक्त छै प्रतिमाओंमें कहे गये समयके अभ्याससे अपने मनको वशमें कर लेनेवाला जो श्रावक मन, वचन, काय और कृत-कारित अनुमोदनासे सम्पूर्ण स्त्रियोंको कभी भी नहीं भोगता वह ब्रह्मचर्य प्रतिमाका धारी कहा जाता है। १४४. प्र०-आरम्भविरत प्रतिमाका क्या स्वरूप है ? उ०-जो पहलो सात प्रतिमाओंका निर्दोष पालन करते हुए गृह सम्बन्धी आरम्भका सदाके लिये त्याग कर देता है उसे आरम्भत्याग प्रतिमाका धारी कहते हैं। . १४५. प्र०-आरम्भ किसे कहते हैं ? उ०-हिंसाका कारण होनेसे खेती, नौकरी, व्यापार वगैरहको आरम्भ कहते हैं। १४६. प्र०-परिग्रहत्याग प्रतिमाका क्या स्वरूप है ? उ०-पहलेको आठ प्रतिमाओंका पूर्णरूपसे पालन करते हुए ममत्वको दूर करके दस प्रकारके बाह्य परिग्रह करता है उसे परिग्रहत्याग प्रतिमाधारी कहते हैं और वसुनन्दिश्रावकाचारके अनुसार जो वस्त्रमात्र परिग्रहको रखकर शेष सब परिग्रहको छोड़ देता है और स्वीकृत वस्त्रमात्र परिग्रहमें भी मूर्छा नहीं रखता उसे परिग्रहत्याग प्रतिमाधारी श्रावक कहते हैं। १४७. प्र०-अनुमतित्याग प्रतिमाका क्या स्वरूप है ? उ० -पूर्वोक्त नौ प्रतिमाओंको पालते हुए जो धन-धान्य आदि परिग्रह, कृषि आदि व्यापार और विवाह आदि गृह सम्बन्धी कार्योंको अनुमोदना नहीं करता उसे अनुमतित्याग प्रतिमाका धारी कहते हैं । १४८. प्र०-उद्दिष्टत्याग प्रतिमाका क्या स्वरूप है ? उ०-पहले की दस प्रतिमाओंका पालन करते हुए जो अपने उद्देश्यसे बनाये गये भोजन, शय्या, आसन आदिका भी त्याग कर देता है उसे उद्दिष्टत्याग प्रतिमाका धारी श्रावक कहते हैं। . १४९. प्र०-उद्दिष्टत्याग प्रतिमाके कितने भेद हैं ? उ०-उद्दिष्टत्याग प्रतिमाधारी श्रावक दो प्रकारके होते हैं-प्रथम और द्वितीय । उत्तर कालमें प्रथम क्षुल्लक कहा जाने लगा और दूसरा ऐलक। । १५०. प्र०-प्रथम क्षुल्लकका क्या स्वरूप है ? उ.-क्षुल्लक सफेद लंगोटी और चद्दर रखे और कैंची या छुरेसे अपनी मूंछ दाढ़ी और सिरके बालोंको बनवाये। बैठते समय, सोते समय या पुस्तक Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003834
Book TitleCharnanuyog Praveshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKailashchandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1986
Total Pages78
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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