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२६०
१४२
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मक्तमाल
मूल प. टीका प. चर्पटनाथजी
२८७ .
१४१ पृथीनाथजी वर्णन
२८८
१४१ बोध (बौद्ध) दर्शन
१४१-१४२ भृगुमरिच्यादि वर्णन
१४२ जंगमदर्शन (४)
२८६ जैनदर्शन (५) (परिशिष्ट पद्यांक ७४४ से ७४५)
१४२ यवनदर्शन (६) (परिशिष्ट पद्यांक ७४६ से ७५५)
१४२ (समुदाई वर्णन, फरीदजी का वर्णन, सुलताना
१४२ का वर्णन, हसम साह, मन्सूर, वाजिद ख्वाज, सेऊसमन पुत्र, काजी महमद, समुदाई वर्णन) समुदाई वर्णन
१४२ भक्तदास भूप कुलशेखर नाम टीका ।
४१८-४१६ लीला अनुकरण तथा रनवंतबाई टीका
४२० १४३ समुदाई भक्त वर्णन (सिलपिले, कर्मा, श्रीधर) २६१ पुरुषोत्तम पुरवासी राजा को टीका
४२१-४२३ करमाबाई को टीका
४२४.४२५ १४४ सिलपिल्ले की भक्त दो बहिनें
४२६-४३७ सुतविषदातृ उभैबाई
४३८-४३६ १४५ वल्लभबाई का वर्णन
१४६ समुदाई गाथा वर्णन
२६२
१४६ मामा भानजे की टीका
४४०-४४३ १४७ हंस प्रसंग की कथा
४४४. .४६ १४८ सदावति स्यार सेठ को टीका
४४७-४५१ तीन भक्तों का वर्णन
२६३
१४६ भुवनसिंह चौहान का वर्णन
२६४
१४६ भुवनसिंह चौहान की टीका
४५२-४५४ १५० देबा पंडा को टीका
४५५.४५७ कमधज की टीका
१५० + यह छंद पहि ने पद्यांक ४७ पृष्ठ २५ पर मा चुका है
१४४
१४४
१४८
१५.
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