________________
[ १४ ]
भक्तमाल
१०७
३१६
मूल प० टीका २० पृष्ठ नरसी जी को वर्णन
२१६-२१७
१०१ नरसी जी की टीका
२८०-३०६ १०१-१०५ मध्वाचार्य सम्प्रदाय
२१७-२१८ मध्वाचार्य, महन्त नित्यानंद, कृष्णचंतन्य,
रूप, सनातन, जीव-गोसाईं। नित्यानन्द कृष्णचैतन्य का वर्णन
२१६ नित्यानन्द कृष्णचैतन्य की टोका
३०७-३१० १०६ रूप-सनातन को वर्णन
२२० रूप-सनातन की टीका
३११-३१७ १०८ जीव गोसाईं को वर्णन
२२१
१०८ जीव गोसाईं की टीका
१०८ श्रीनाथ भट्ट का वर्णन
२२२
१०८ नारायण भट्ट का वर्णन
२२३-२२४
१०६ नारायण भट्ट की टीका
१०६ कमलाकर भट्ट का वर्णन
२२५
१०६ भक्त जक्त का वर्णन
२२६
११० माधोदासजी का वर्णन
२२७-२२६
११० माधोदासजी की टीका
३२०-३३२ १११-११२ रघुनाथ गुसाईं का वर्णन
२२८
११२ रघुनाथ गुसाईं की टीका
३३३-३३४ ११२ वृध गंगलभ्रात का वर्णन
११३ गदाधर का वर्णन
११३ गदाधर की टीका
३३५-३४२ ११३-११४ मधुर उपासक भक्त
२३१ गोपाल भट्ट, भूभृति, जगन्नाथ, विठल, रिषिकेश, भगवान, महामुनि, मधु, श्रीरंग, घमंडी, जुगलकिशोर, जीव, भूगरम, कृष्णदास,
दो पण्डित । गोपाल भट्ट की टीका
३४३ ११५ अली भगवान की टोका
२२६
२३०
११४
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org