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भक्तमाल
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टीका १०
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नव नाथ नाम वर्णन
प्रादिनाथ, उदयनाथ, उमापति (स्वयंमू), संत (सत्यनाथ), संतोषनाथ' (विष्णुजी), जगनाथ, (गणपति), प्रचंमनाथ, मच्छंद्रनाथ,
गोरखनाथ। प्रियव्रत की कथा जड़ भरथ की कथा जनकजी की कथा ब्रह्मरिषि नाम वर्णन
भृगु, मरीच, वशिष्ठ, पुलस्त, पुलह, कतु, अंगिरा, अगस्त, चिमन, सौनक, प्रख्यासी हजार ऋषि, गौतम, गर्ग, सौभरि, रिचिक, समीक, याज्ञवल्क, जमदग्नि, जावालि, पर्वत, पराशुर, विश्वामित्र, मांडीक, मांडव्य, कण्व, वामदेव, सुकदेव, व्यास, दुरवासा,
प्रत्रि अस्ति, देवल। धर्मपाल रक्षपालादि का वर्णन
धर्मपाल, रक्षपाल, दिग्पाल, सूर (सूर्य) सापुरष (किन्नर), कवि, सती, धाता, इन्द्र, जल, भूमि, जननी, शक्ति, भक्ति, भगत, भगवान, जती, जोगेश्वर नव (कवि, हरि, करभाजन, अन्तरीक्ष, चमस, प्रबुध,
प्रावि)ता, पिप्पल, ब्रुमिल)। समस्त देव वर्णन
वरुण, कुबेर, धर्मराय, मन्वन्तर, चित्रगुप्त, गरणेश, सरस्वती, सक्षरिषि, अनंतरिषि, समन ज्ञानी, साठ हजार वाल्यखिल्य, माठ वसु,
नवखंडों के राजा, विप्र, वेद, गंगा, गाय । इन्द्र का महत्व वर्णन कुबेर का महत्व वर्णन वरुण महत्व वर्णन
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