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( ४० ) सम्बन्धी पञ्चायत करे ३१ व्यापार सम्बन्धी हिसाब करे ३२ राजाका कार्य करे बोट देवे ३३ घरका जेवरादि रखे ३४ दुष्टासन से बैठे ३५ गोबरके छोणे लीपे ३६ बड़ी करे, सुकावे ३७ वस्त्र सुकावे ३८ दाल पोसे दले ३६ पापड़ बटे सकावे ४० राजादि के भयसे छिपै ४१ पुत्रादि मरणसे रोवै ४२ राज कथा देश कथा, स्त्री कथा और भोजन कथा करे ४३ जेवर गढ़े शस्त्र बनावे ४४ गाय भैंस बैलादि रखे ४५ ठंड दूर करने को अग्नि तापे ४६ धन्यादि गंधे ४७ रुपया मोहर परखे ४८ निस्सही विधिसे न कहे ४६ छत्र ५० पगरखी मोजा ५१ शस्त्र ५२ चामर यह चार बस्तु रखे ( भीतर लावे ) ५३ मन एकाग्र न करे ५४ तैलादि मर्दन करे ५५ शरीरके उपभोग्य फूलों को न त्यागे ५६ हार मुद्रा, कुंडलादि आभूषण उतार के न
आवे ५६ प्रभुको देख होथ न जोड़े ५८ एक वस्त्रसे उतरासन न करे ५६ मुकट रखे ६० शिर
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