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( ७ ) मूर्ति-विवेक-विलास भाग १-२ (७) प्रतिमाशतक (८) मणि सागरजी महाराज कृत ग्रन्थ जो शीघ्र ही प्रकाशित होनेवाले हैं (६) जैन सूत्रोंमें मूर्ति पूजा इत्यादि ग्रन्थोंका अवलोकन करना चाहिए। ___ युक्ति-प्रमाणोंसे भी मूर्ति पूजा सिद्ध हो सकती है।
(१) किसी भी भाषा-लिपि के अक्षर मूर्त (दृश्यमान) हैं। उन मूर्त अक्षरोंसे लिखित ग्रन्थों द्वारा मानव-समुदाय का महान उपकार होता है। उसी प्रकार क्या ? जिनेश्वर भगवान को मति से मानव-समुदाय का महान उपकार नहीं हो सकता?
(२) दशवैकालिक सूत्रमें साधुको स्त्री चित्रों द्वारा चित्रित स्थान पर रहना, पूर्ण निषेध किया है क्योंकि उन चित्रों का प्रभाव उसके हृदय पर पड़ जानेकी संभावना रहती है। उसी प्रकार जिनेश्वर देवकी प्रतिमा देखकर,
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