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* सूचनिका *
क्रम सं०
विषय
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नम्र निवेदन दो शब्द भूमिका प्रभु स्तुतिपाली और पल्लीवाल पल्लीवाल जाति की उत्पत्ति और विकाश एवं निवास पल्लीवाल जाति का प्रसार और उसके गोत्र तथा रीति रिवाजचौरासी न्यात श्वेताम्बरीय ८४ गच्छ पालीवाल ब्राह्मण सेठ नेमड़ और उनके वंशज श्रीमद् विद्यानन्दसूरि एवं श्री धर्मघोष सूरिजी (पल्ली वालों के कुछ रत्न)
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