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________________ जुगेन्द्रचन्द ने निहालचन्द जगेन्द्रचन्द के नाम से कपड़े को दूकान खोली। आपके दो पुत्र पदमचन्द और अमरचन्द हैं। __ मास्टर कन्हैयालालजी के दो पुत्र विष्णचन्द और प्रकाशचन्द हैं। इन्होंने 'चन्द्रा स्टोर्स' स्थापित किया यह दूकान आज अजमेर के श्री नगर रोड पर बड़ी प्रसिद्ध दूकान है और बड़े बड़े श्रीमन्त एवं प्रतिष्ठित गजा-रईश इसी दूकान से कपड़ा खरीदते हैं। मा ० कन्हैयालाल का जन्म बरारा में वि० संवत १९२५ तदनुसार सन् १८६६ के सितम्बर मास में हुआ था। ये बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और होनहार थे । वरारा का शिक्षण समाप्त कर के अागरा भेज दिये गये और वहाँ इन्होंने यथा क्रम वि०सं० १९४० से वि० सं १६५० तदनुसार ई. सन १८८३ से १८६३ पर्यन्त दस बर्षों में कक्षा ६ से एम० ए० तक की उच्च शिक्षा प्राप्त की। बाद में आपने एल० टी० की परीक्षा भी दे दी थी। वि० सं० १९४३ में अठारह वर्ष की आयु में आपका विवाह संस्कार सम्पन्न हुअा था। आप का जन्म पल्लीवालज्ञाति में हुआ जो संख्या में अत्यल्प थी और फिर दूर२ लगभग तीन सौ ग्राम, नगरों में विभाजित थी साथ ही वह तोन ऐसे भागों में विभक्त थी कि उनमें परस्पर भोजन-कन्या व्यवहार तक बन्द थे। यह युग आर्य समाज के क्रान्तिकारो आन्दोलन का समय था । आपके ऊपर आर्य-समाज . के सुधारक विचारों का अंभीर प्रभाव पड़ा। आपने और अन्य Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003825
Book TitlePallival Jain Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherNandlal Jain Pallival Bharatpur
Publication Year1963
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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