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शान्त सुधारस
श्रद्धा का अनुचित लाभ उठा कर, उन्हें कुमार्ग पर चढ़ा कर, भ्रम में डाल कर, विश्वास जमा कर; अपना उल्ल-सीधा करे। भोग-मार्ग में भी धर्म है, ऐसी रहस्यपूर्ण भाषा से अपना मनोभिलषित प्राप्त करे । असत्य मार्ग से भोग-भोगने में शंकित न हो, लोकलाज भी जिसे नहीं। मद्य, मांस, पर-- स्त्री संग में रत । अनुचित सम्बन्ध गांठनेवाला । धन ठग कर भोगोपभोग सम्पदा पाने की अभिलाषा । ऐसी बोली बोले जिस से स्वयं को सुख और दूसरों को कष्ट हो । ऐसी अनर्थमय दुखप्रद विडम्बना वाला विकल्प 'मृषानुबंधी रौद्र ध्यान कहाता है । ३-चौर्यानुबंधी रौद्रध्यान :
महा दुष्ट पल्लीपति, भयंकर डाकू, लटेरे, इनके दल को, सरदार को, साथ लेकर निर्दोष प्रजा को लूट्रॅगा । इन लोगों को धन ऐश्वर्य, सुख भोगते बहुत समय हो गया "अब इनके दिन पूरे हो गए, एक न एक दिन मैं अवश्य इनके धन का मालिक बनके रहूंगा। इनके ये हाथी, घोड़े, दास,-दासी, सुन्दरी कोमलांगी स्त्रियां एक दिन जरूर छीन कर सुखी बनूंगा। चोर लटेरों के सहयोग से यह सारी
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