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________________ ( ७२ ) जठहर जौहर)। किन्तु कान्हड़दे प्रबन्ध में पद्मनाभ ने और हम्मीरायण में ( २६२, २६३, २७३, २७९) माण्डउ व्यास ने जमहर शब्द का प्रयोग किया है जो स्पष्टतः यमगृह का अपभ्रष्ट रूप है । जमहर शब्द ही यदिठीक हो तो आधुनिक जौहर तक का परिवर्तन शायद कुछ इस प्रकार से निर्दिष्ट किया जा सकता है। यमगृह (जमगृह < जमघर<जमहर<जंवहर< जौहर<जौहर । अचलदास खीची री वनिका में जउहर शब्द प्रयुक्त है। अचलदास द्वारा गिनाए हुए 'जउहर' जोगा जोगाइत सीहोर के रोलू, और रणथंभोर के हम्मीर के स्थानों में हुए थे। वचनिका की अपेक्षाकृत एक नवीन प्रति में 'जोहर' शब्द प्रयुक्त है । उसमें कुछ अन्य जोहर गिनाए गए है, जैसे समियाणे में सोमसातल के घर, जैसलमेर में दूदा के घर, जामलोर में करमचन्द चहुवाण के घर, तिलक छपरी के गहलोतों के घर, जालोर में कान्हड़दे के घर। वचनिका की अन्य प्रतियों में जहर, जमहर और जिमहर शब्द भी प्रयुक्त हैं जो हम्मीरायण और कान्हड़दे के यमगृह के सन्निकट हैं।" .. परघउ, परिघउ-( २३०, २३३, २३६, २३७ ;-यह शब्द परिग्रह का अपभ्रष्ट रूप प्रतीत होता है जिसका अर्थ नौकर-चाकर, लवाजमा या सेना किया जा सकता है। रायपाल और रणमल ने अलाउद्दीन से मिलकर यह निश्चय किया कि वे रणथंभोर से सेना भी निकाल लाएंगे (परिघउ ले आवां छा तिहां, २३०)। जाकर उन्होंने हम्मीर से प्रार्थना की कि वह कृपाकर उन्हे 'परघउ' ( सेना ) दे जिससे वे कटक में भलि, १ देखें सादूल राजस्थान रिसर्च इन्स्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित संस्करण 'अचल - दास खोचीरी वचनिका" Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003823
Book TitleHammirayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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