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पाठान्तर
२५१ यह गाथा उदयपुर की प्रति में नहीं है। २५२ दीधइ, तिमकरि; हुउ ति । २५३ हमीर = चहुआण, मीर = पठाण । २५५ राजा, विणठइ वाण्यई दिखाड़िया, लेवि । २५६ गाढउ=गेझारउ; रिणमलि कियउ समाधान, अधिक
___ दुख कोठार दियउ, जउहर, वारि ।
२५७ तउ, ज्य वंस ज्यउ। २५८ तीणइ, टीकउ, दियउ, रिणथंभउरि तुम्हि होज्यो नाथ । २५६ देज्यो बहुमान, महेसरीवाणिया, जाति सूरमा
वाधउ कान ।
२६० सिखामणि, त्यांकी मां साथिइ, जोताव्या घोड़ा,
मुकलाव्या बापइ बे पूत।
२६१ मीरा, सहु तिणि समइ, मारइ ठाणि । २६२ तोखार, तीणइ, लोके जउहर किया, रावल गनि बल
बोलइ तिया।
२६३ जमहर मांड्या वारू भला, बलण । २६४ का ना, तेउ।
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