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हम्मीरायण
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रंग पेखै हमीर पात नाचै राय अंगण ज्यू ज्यु पै. रणझणै, साह अतराज हुवै सुण की माफ तकसीर दीध ले बीड़ो सूकर हैवगां पखरेत ताम कोतक जोवै नर भुज है बांण अगरोस भरि उभ्ौकोसा अंबरि अड़े आणी उडाण संघ सू ताल देत खड़हड़ पड़ हड़
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- जब धारू धर पड़ीय राव पेखणो स भग्गो छभा सोह ओदकी राव चमम को स लग्गो. तब थूको तंबोल राव भोजन न किध्धो मोमूंसाह मुगल्ल कोप करि बीड़ो लिधो कोमंड ग्रहे सर पांण करि गढ़ ओ द्रायण गड़ड़ियो सांकियो साह अलावदीन छत्र छेद धरती पड़ो [ १४ ]
एक are at लै माणस रै मेली आठ लाख ओखदी भेले करि चूरण भेली भैंसा पांच हजार दिढ कर आहुत दिघ्धी सांमेरी कथ नालि कोप कर पूजा किधी अलादीन एम उच्चरै जो यह मीर जिन हत्थियो
छूटत नाल देवंगमे अरघ
थंभ छेदह कियो
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