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हम्मीरायण
॥ चउपई ॥
करता;
आलमसाह हुवउ असवार, जाणे गढ लेंसी तियरा दल नवि लाभै पार, छायो सूर हुव घोरंधार ; ६१ नीसाणे घाव घण वल्या, वाजइ ढोल ति पितलि गल्या; चक डाक बुक अति घणा, रिण काहल लागइ वाजणा; ६२ ढीली थकउ चाल्यु सुरताण, सेषनाग टलटलीया ताम डुंगर गुड़इ समुद्र झलहलइ, त्रिभुवन कोलाहल उछलइ ६४: इंद्रासणि जाइ लागी खेह, इंद्र जोवइ तिहां न्यान धरेवि अलादीन आपड़ सुरताण, रणथंभवरि जाई दीयउ पवाण; ६५ लोक कहइ कुण करसी काम, इन्द्र तणउ सहु लेसी ठाम; असी गढ अलखान ज लीया, डीलइ साहिब कणि कोटन बिगया;. ६६ इय आगलि नवि मांडइ कोई, माणस किसुं देव जइ होई; रणथंभवर तणी कुण बात, आगलि मेर न हुइ कांइसातः ६७ चउदह सहस माता उम्मत्ता, ते गुड़िया गयवर संजुत्ता, पाणीपंथा भला तोषार, बार लाख मिलिया असवार ६८ मुहिमद मीर मोटा पठाण, बे ऊमटी मुगल काफर ते अतिघणा, मलिक मीर मीया नह मणा; ६६ सतर खान मिलिया तिणीवार, बहत्तरि अंबरा भला भूभा पातसाह रा डीलज जिसा, तीयरा नाम कहुं हिव किसा; १०० काफर माफर जाफरखान, खोजी मोजी रोजी नाम; निसरतखान निकुंज निरोज, ताजखान री जमली फोज; १०१
आव्या खुरसाण,
१८ ऊमता
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