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( १०६ )
इसके बाद में मथुरा-पुरी-विनिर्गत कटारिया कायस्थों के एक वंश का वर्णन है । उसकी वंशावली निम्नलिखित है :
अनन्त
सेढ
श्रीधर
लक्षण
पूर्णपाल
(भूपाल प्रिय )
-सोमण =
सोमल .
-
नरपति = नयश्री
श्रीपति
पद्मसिंह
थीरू
लोल
लक्ष्मीधर
सोम
मोक्षसिंह
।
गांगदेव
जयसिंह
केशव सोढ नरपति जैत्रसिंह और हम्मीर का मंत्रि-मुख्य था। उसका कुल धीर स्वामिनी और सप्ताश्व ( सूर्य ) का पूजक था। उसने रणथंभोर में चार मन्दिर और पिप्पलवाट में वापी बनाई। सिंहपुरी, कुरुक्षेत्र और गोदावरी पर एक-एक सहस्र गाय ब्राह्मणों को दी। नरपति की पत्नी ने एक ही दिन
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