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ठक्करफेरूविरचिता
तिहु राइएहिं सरिसम छहि सरिसम तंदुलो य बिउण जवो । सोलस जवेहि छहि गुंजि मासओ तेहिं चहु टंको ॥ ११२ ॥
गाइ जाव [ब] रस तिग वुड्डी जाम गुंज चउवीसं । चउ रयणाणं मुल्लं तोलीण सुवन्नटंकेहिं ॥ ११३ ॥
पंच दुवास वीसा तीसा पन्नास पंचसयरी य । दहिय चउस सयं दो चाला ति सय वीसा य ॥ ११४॥ चारि सय तह य छह सय चउदस सय उवरि विउणविउँण जा । इकार सहस दुगसय मुल्लमिणं इक हीरस्स ॥ ११५ ॥ अड इग दु चउ अट्ठय पनरस पणवीस याल सट्ठी य । चुलसीइ चउदसुत्तर सयं च कमसो य सट्टिसयं ॥ ११६ ॥ तिन्नि सय सट्ठि समहिय सत्त सया तहय वारस सया य । दो सहस कणय टंका मुत्तियमुलं वियाहिं ॥ ११७ ॥ दो पंच अट्ठ बारस अड्डार छवीसा य [याल] सट्ठी य । पंचास वीसा सउ सट्ठि सयं दुसय वीसा य ॥ ११८ ॥ चउ सय वीसा अड सय चउदस चउवीस पिहु पिहू सयाणि । गुंजाइ [मास ?] टंकं उत्तिम माणिक्क मुल्लु वरं ॥ ११९ ॥ पाय एग दिवढं दु ति चउ पण छच्च अट्ठ दह तेरं । ठार सगवीस चत्ता सट्टि महामरगयमणीणं ॥ १२० ॥ अस्यार्थ एष पत्रपूठिजंत्रेणाह ॥ छ ॥
गुंजा १
हीरा ५ १२ २० ३० ५० ७५ ११० १६० २४० ३२० ४०० ६०० १४०० २८०० ५६०० ११२००
२ ४ ८/१५ २५
मोती ० ॥ १ माणिक २ ५ ८ १२ १८२६ ४०
६ ७ 4 ९.
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१८ १२ १५
६० | ८५१२० १६० २२० ४२०
मराइ of ०॥ ११॥ २। ३ ४
५ ६ ८ १० १३ १८
अस्य यंत्रस्य अर्थ गाह ११२ उपरे गाह १२० जाव जाणनीयं ॥ छ ॥
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