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विनयचन्द्रकृति कुसुमाञ्जलि
हारे मोरा लाल चवदैसय बावन अछे,
इणिपरि देइ
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गणधर पगला सार ॥ मो० ॥ प्रदिक्षणा,
नमिये नाभि मल्हार मोरा लाल ||११|| से०||
हारे मोरा लाल चैत्यवंदन प्रभु आगले,
हथणी पोले
हिव बाहिर देहरा थकी, छै हांरे मोरा लाल सूर्यकुंड भीमकुंड ने,
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करिये आणी भाव || मो० ॥
हुँ भाव मोरा लाल ||१२|| से०||
ओलखाभूल
फरसीजे जिन न्हाण मोरा लाल || १३|| से० ॥ हारे मोरा लाल जाइये चेलणतलावड़ी,
सिद्ध सगला तिणि ठौड़ ॥ मो० ॥ पादुका,
सिद्धवड़े प्रभु
for a जोड़ मोरा लाल ||१४|| से० ॥ हारे मोरा लाल आदिपुरे आवि चढ़ो,
फिरि नै ए गिरिराज ॥ मो० ॥ आविनै,
पासे पगला जान || मो० ॥ आवियो
वलि वंदो जिनराज मोरा लाल ||१५||८||
हारे मोरा लाल बीजी जात्र करिये तिहां,
बाहिर खमणा चैत्य ॥ मो० ॥
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