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बम्बई चिन्तामणिपार्श्व-स्तवन
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चिन्तामणि-पार्श्वनाथ-स्तवन
राग--गरबो चिंतामणि चित मैं वसै सहेलडोयां,
रात दिवस इक रंग। रेगुण वेलडीयां । प्रीत लगी प्राणेस सँ सहेलडीयां,
पलक न छोड संग । रे गुण ॥१॥ साँचो साहिब मांहरो सहेलडीयां,
सुखदायक श्रीकार । रेगुण । पर उपगारी परगडो सहेलडीयां,
_भव भय भंजण हार । रेगुण ॥२॥ सुमता सागर सलहीयै सहेलडीयां,
दयावन्त दातार ।रे गुण । सहिजानंदी साहिबो सहेलडीयां,
___अनुपम एह उदार । रेगुण ॥३॥ ज्ञानानंदी गुण भस्यो सहेलडीयां,
आनंद घन अवतार । रेगुण । आप तस्या पर तार वै सहेलडीयां, . शिव सुख दायक सार । रेगुण ॥४॥ चित हित नित जो सेवीयै सहेलड़ीयां,
कापै क्रमना कंद । रेगुण ।
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