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( ६२ ) बम्बई चिन्तामणिपार्श्वनाथादि स्तवन-संग्रह
भव भव चरण नी सेव, देव मो दीजीयै । विरुद गरीब निवाज, लाइक जस लीजीयै॥ दास खास नी प्रास, पास जी पूरीमै । हीयडै प्राणी हेज, दोहग दुख चूरोयै ॥४॥ अवगुण माहरा देख, रीस नहि आण स्यो । मोटा छो मावीत, छोरू कर जाण स्यो। पतित जणां प्रतिपाल, चाल जो इण चलो । भविक जीवना नाथ, करै स्यो तो भलो॥५॥ आपणां जाणी हेज, हीयौ नही आण स्यो । तो पहुवी मैं परसिद्ध, सुजस किम पाम स्यो। तिण सै त्रिभुवन नाथ, जगत जस लीजीयै । "अमरचंद" आणंद सदा सुख दीजीयै ॥६॥ इति भी चिंतामणि पार्श्वनाथ स्तवनम् ।
-xचिन्तामणि-पार्श्वनाथ-स्तवन वाधै रंग वधाई सवाई वोधत रंग.।
"श्री चिंतामणि" प्रभु नै पूजित,
... पातिक दूर पुलाई । सवाई० वाधै० ॥१॥ भावन भावो जिनगुण गावो, ___ आज घडी भल आई । सवाई० बाधता।
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