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( १०८ ) बम्बई चिन्तामणिपार्श्वनाथादि स्तवन-संग्रह
राका पूनिम सम मुख राजे,
अधचंद्र सग भालो। मस्तक मुकुट राजत फणिधर को,
एतोजागतीजोत जटालोरी।४। भै.। प्रा.। उर विशाल वक्षस्थल अनुपम,
कंठ फबै फूल माला । छवि अधिकी दूणी दुति छाजै,
एतो वरदायक विगताला री।शमै.। आ.। संघ सकल के सुख के दायक,
___ "खरतरगच्छ" के प्रतिपाला। 'अमरसिंधुर' वीनत अवधारो,
परियण कंद उदाला री।६। भै.।प्रा.
भैरव-होरी
राग-फाग भैरव भूपाल रमै होरी, भैरवजी. भैरव भूपाल । खेतल भूपाल खेलै होरी, खेतलजी
खेतल भूपाल खेले होरी। वांवन वीरां मांहि विराजे,
चौसठ जोगणि की टोरी ।भैरव०।१।
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