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________________ खरतर-गच्छ दीक्षा नन्दी सूची ननिहाल सांचोर में जन्मे । इनके पिता नवलखा धसिंह और माता का नाम खेताही था। इनका जन्म नाम लक्खणसीह था। सं० १३७० माघ शुक्ल ११ को पाटण में श्रीजिनचंद्रसूरि जी से दीक्षित हुए। सं० १३८८ में श्रीजिन कुशलसूरि जी से उपाध्याय पद प्राप्त हुआ। सं० १४०० मिती आषाढ वदि १ को पाटण में श्री तरुणप्रभाचार्य द्वारा श्री जिन पद्मसूरि जी के पट्ट पर आचार्य पदाधिष्ठित हुए। ___ इन्होंने ४ उपाध्याय, ८ शिष्य साधु और दो आर्याएं दीक्षित की; जिनके नाम सम्वतादि नहीं मिलते । सं० १४०४ मिती आश्विन शुक्ल १२ को नागोर में समाधिपूर्वक स्वर्गवासी हुए। अंतिम समय में अपने पट्ट पर यशोभद्र मुनि को स्थापित करने की शिक्षा दे गए थे। जिनचन्द्रसूरि आपका जन्म मारवाड़ के कुसुमाण गाँव में मंत्री केल्हा की धर्मपत्नी सरस्वती की कोख से हुआ था । आपका नाम पातालकुमार था । दिल्ली के संघपति रयपति के शत्रुञ्जयादि यात्री संघ के सं० १३८० में कुसुमाण आने पर पिता मंत्री केल्हा भी सपरिवार सम्मिलित हो गए। युगादिदेव के समक्ष समर्पित पातालकूमार की दीक्षा मिती आषाढ बदि ६ को हई और यशोभद्र नाम रखा गया। सं० १३८१ मिती वैशाख बदि ६ को पाटण में बड़ी दीक्षा हुई और अमृतचंद्र गणि से विद्याध्ययन किया।श्री जिन लब्धिसरि की आज्ञानुसार सं० १४०६ माघ सुदि १० को जेसलमेर में तरुणप्रभसरि द्वारा गच्छनायक पद प्राप्त किया। सं० १४१४ आषाढ बदि १३ को स्तंभतीर्थ में स्वर्गवासी हुए। इनके द्वारा दीक्षा और पद प्रदान करने का इतिहास अप्राप्त है। . जिनोदयसूरि आपका जन्म पालनपुर निवासी माल्हू गोत्रीय रुद्रपाल की धर्मपत्नी धारलदेवी की कोख से सं० १३७५ में हुआ था और जन्म नाम समरकुमार था । सं० १३८२ में वैशाख सुदि ५ को भीमपल्ली में बहिन कोल्हू के साथ आचार्य प्रवर श्रीजिनकुशलसूरि जी के करकमलों से आपकी दीक्षा सम्पन्न हुई। सोमप्रभ नाम रखा गया। सं० १४०६ में जैसलमेर में श्रीजिनचन्द्रसूरि जी ने इन्हें वाचनाचार्य पद प्रदान किया था। सं० १४१५ ज्येष्ठ कृष्णा १३ को खंभात में अजितनाथ विधि चैत्य में लूणिया जेसलसाह Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003814
Book TitleKhartar Gaccha Diksha Nandi Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta, Vinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1990
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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