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ॐ ह्रीँ अहं नमः
आत्म-बोध सार संग्रह
संग्राहक - "
जं० यु० प्र० भ० खरतरगच्छाधिराज श्री श्री १००८ श्री मज्जिनहरिसागरसूरीश्वरान्तेवासी मुनि श्री कवीन्द्रसागरजी महाराज.
ह पुस्तक स्व० श्री रायकुमारसिंह पारख की पुण्य स्मृति में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती स्नेहलता पारख द्वारा अपने श्री ज्ञानपंचमी तप उद्यापन के उपलक्ष में धर्मप्रेमी बन्धुओं के स्वाध्याय के लिये सादर भेंट की जाती है ।
सदुपयोग प्रार्थित
प्रथमावृत्ति १०००
र सम्वत् २५००
भादो शुक्ल ५
सम्वत् २०३१
पुस्तक मिलने का पता :
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श्री प्रवीरकुमार पारख
४ अभय सरकार लेन
कलकत्ता- ७०००२० फोन नं० : ४७-२००६
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निवेदक :प्रवीरकुमार पारख
आमुख एवं भगवान महावीर का आत्म-विज्ञान लेखक - मुमुक्षु केशरी संशोधक
श्री भवरलालजी नाहटा
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