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________________ गौतम रास : परिशीलन विस्तृत सूची बनाई जाय तो कई भागों में कई शोध-प्रबन्ध तैयार हो सकते हैं। सामान्यतया गौतम-कृत प्रश्नों को चार विभागों में बांट सकते हैं : १. अध्यात्म, २. कर्मफल, ३. लोक और ४. स्फुट । प्रथम अध्यात्म-विभाग में इन प्रश्नों को ले सकते है:आत्मा, स्थिति, शाश्वत-अशाश्वत, जीव, कर्म, कषाय, लेश्या, ज्ञान, ज्ञानफल, संसार, मोक्ष, सिद्ध आदि । इनमें केशी श्रमण और उदक-पेढाल के संवाद भी सम्मिलित कर सकते हैं। दूसरे विभाग में किसी को सुखी, किसी को दुःखी, किसी को समृद्धि-सम्पन्न और किसी निपट निर्धन को देखकर उसके शुभाशुभ कर्मों को जानकारी आदि ग्रहण कर सकते हैं। तीसरे विभाग में लोकस्थिति, परमाणु, देव, नारक, षटकाय, जीव, अजीव, भाषा, शरीर आदि और सौर मण्डल के गति विषयक अादि ले सकते हैं । चौथे विभाग में स्फुट प्रश्नों का समावेश कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर सामान्य से दो प्रश्नोत्तर प्रस्तुत प्रश्न-भगवन् ! क्या लाघव, अल्प इच्छा, अमूर्छा, अनासक्ति और अप्रतिबद्धता, ये श्रमण-निर्ग्रन्थों के लिये प्रशस्त हैं ? Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003811
Book TitleGautam Ras Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1987
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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