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श्री मुनि सुव्रत पक्षोपवास स्तवन (६०३ ) विहार करी प्रतिबोधी खंधग पंच सयां परिवार । कार्तिक सेठ जितशत्रु तुरंगम सुव्रत नाम कुमार ॥ त्रीस सहस वरस आउखु पाली जगदाधार । श्री सम्मेत शिखरि परमेसर पहुँता मुगति मझारि ॥१३॥ इम पंच कल्याणक थुणियउ त्रिभुवन ताय । मुनि सुव्रत सामी वीसमउ जिणवर राय ॥ वीसमउ जिणवर राय जगत्र गुरु भय भंजण भगवंत । निराकार निरंजण निरुपम अजरामर अरिहंत ॥ श्री जिणचंद विनेय शिरोमणि सकलचंद गणि सीस । वाचक समयसुंदर इम बोलइ पूरउ मनह जगीस ॥१४॥
इति श्री मुनि सुव्रत स्वामी पक्षोपवास स्तवनम् ॥
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