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समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि
बे साहूकार काहे खुनकार, अरे हमकुं बतावइ नइ कहां जिनसिंघसरि
__का दरबार ।बे। बीकानेर के बीचि चैत्य चउवीसटा कहियइ,
उस तइ उत्तर कूणि वाम दिसि वेगा लहियइ । पावड़ साले पांच बार दोऊं बइठण त्रक्रिया,
.........'जाओ मानसिंघ का क्रिया।२। वे साहूकार। बे महाजन काहे दीवाण, अरे बोलायउ नइ काजी के मुला वचायउ
पुरमाण ।बे.। हाजरि काजी एइ खूब भली परि वांचइ,
__सुणइ लोक सहु कोउ मेघ धुनि मोर ज्युं माचइ । पातसाह जहांगीर बहुत करी लिखी बड़ाई;
करउ तपास तुम आई तपा कइ होत लड़ाई ।। महाजन । पूँजि जी सलामत काहे मीयां जी, अजें क्यूँ नहीं चलते बणइ नहीं
ढीलि कियां । ब.। ढिल्ली का पातसाह गढ मंडप मइं गाजइ,
कबजि किये सब देस फतह की नोबति वाजइ । श्रो तुम कुं करे याद जइसई चंद कुं चकोरा,
रेवा कुंगजराज मेघ आगम कुंमोरा ।४। पूजि जी सिलामत.। जीवइ गुरु जी इहु भी ल्यउ कतावत, मियां जी किस की इहु जी
अणीराय के दसखत । बे।
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