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श्री रामचंद्र गीतम्
( २६L )
प्रियु मोरा मुझ नइ. पड्यउ वरांस, :
प्रियु मोरा अवसर चूकउ आवइ नहीं हो ॥२॥ प्रियु मोरा करि लै नियाणउ कंत,
प्रियु मोरा प्रावि अम्हां सु करि साहिबी हो। प्रियु मोरा आणंद करिस्यां अत्यंत,
प्रियु मोरा प्रीति पारेवा पालिस्यां हो ॥३॥ प्रियु मोरा अचरिज पोम्यउ राम, ..
पियु मोरा अहो अहो काम विटंबणा हो । प्रियु मोरा हिव हुँ सारू काम,
- प्रियु मोरा ध्यान सुकल हियडइ धरचउ हो॥४॥ प्रियु मोरा पाम्यउ केवल ज्ञान,
प्रियु मोरा सेज शिव सुख पावियउ हो । प्रियु मोरा समयसुन्दर धरइ ध्यान,
प्रियु मोरा राम रिषीसर साधनउ हो ॥५इति श्री रामचन्द्र गीतम् ।। ३६ ।।
श्री राम सीता गीतम् सीता नइ संदेसउ राम जी मोकल्यउ रे, ... कांइ मुंदरड़ी दे मक्यउ हनुमंत वीर रे।
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