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समयमुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि
मेधकुमार नन्दिषेण मुनीसर,
आद्रकुमार संजम आदरवउ रा ॥२॥ क०॥ ऋषभदत्त खंधक परिव्राजक,
अइमुत्तउ ऋषि मुगतिवर्यउ री। श्री शिवराज महाबल. धनउ,
राय उदायन दुक्ख हर्यउ री ॥३॥०॥ पदमनाम तीर्थकर हउगे,
वीर कहई तुम्ह काज सर्यउरी । समयसुन्दर प्रभु तुम्हारी भगति तइ,
___ इहु संसार समुद्र तर्यउ री ॥४॥०॥ श्री सुरियाभसुर नाटक दर्शन महावीर गीतम्
· राग-सारंग रचति वेप करि विशेष, नयण अंजण नीकि रेख, . ..... नाचति तत तत थेइ थेइ, थोगिणिं थोगिणिं सुन्दरी । २० । कुमर कुमरी अति अनूप, इक शत अठ रचत रूप । वाजति वाजिन सरूप, घृणण घृणण घूघरी । २०१॥ थेइ थेइ थेइ ठवति पाय, वेणु वीणा करि बजाय । .... में में झंझरिय लाय, रणण रणण नेउरी । सुरियाभ सुर करि प्रणाम, मांगति अब मुक्तिधाम । .. समयसुन्दर सुजस नाम, जय जय जय सांमरी । र०।२।
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