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नेमिनाथ सवैया
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काली कोयलि आंब बइठी टहुकइ ।। कहइ राजुल मोरइ मुं काम नहीं,
नेमि नाम राखीसि लांबइ लहकइ । समयसुन्दर कउ प्रभु नेमि नोकउ,
गुणवंत भणी हियडइ गहकई ॥१३॥ एजु गोरी कउ रूप रूडउ तबही,
___जबही अणियाली अंजी अंखियां । बलभद्र महाबली कृष्ण करी,
आभला किसा मेघ घटा पखियां ।। कपूर गोरउ कुंपलइ मांहि तर,
जउ मिरची माहि हुयइ रखियां । समयसुन्दर क.उ प्रभु गोरां थकी,
अधिकउ मुझ कंत सोहइ सखियां ॥१४॥ कोकिल कुल मधुर ध्वनि कूजति,
बोलति बप्पियारा प्रियु प्रियु रे । मलय वात वाति मयणंगणि,
गजति मेघ घटा कियु कियु रे॥ रतिपति रयणि दिवस संतापति,
व्यापति बिरह दुक्ख दियु दियु रे । राजुल कहइ सखि सामि सुन्दर विणु,
कइसइ ठौर रहइ जियुः जियु रे॥१४॥
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