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( ८० ) समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जल जात्रा करी पाठ्योतरह आदीसर,
श्री संघ पूजा सनात्र रे आदीसर देव । समयसुन्दर कहइ सासती आदीसर,
भास भण्या हुयइ जात्र रे आदीसर देव ।।७।। इति श्री बाबू तीरथ भास ॥६॥
अर्बुदाचलमण्डन-युगादिदेवगीतम
राग-गुड सफल नर जन्म मनु आज मेरउ । श्री अर्बुदगिरि श्री युगादीसर,
देखियउ दरसण सामि तेरउ ।। स०॥१॥ जिनजी ताहरा गुण अपणइ मुखि गावत,
पावत परम सुख नव नवेरउ ।। तूं जगन्नाथ जग मांहि सुरतरु समउ, ..
अउर सब देव मानू बहेरउ ॥स०॥२॥ जिनजी राज नवि मांगत ऋद्धि नवि मांगत,
मांगत ही नहीं कछु अनेरउ ! समयसुन्दर कर जोड़ि इहु मांगत,
भांजि भगवंत भव भ्रमण फेरउ ॥ स०॥३॥
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